Friday, March 21News That Matters

आईएएस बंशीधर तिवारी पर आरोपों के पौधे को रोपने के लिए बाकायदा प्रेस वार्ता की गई..सूचना निदेशक के पद पर रहते बंशीधर तिवारी के कार्यों से अनभिज्ञ अभिनव ने अपने शब्दों में उस अधिकारी के सम्मान का मजाक उड़ा दिया.. जिसने प्राइमरी स्कूल के बच्चों के लिए शिक्षा की ज्योति और व्यवहार की मुस्कान एक साथ खड़ी की..  

बॉबी पवार हो या कोई भी आरोपों का पौधा रोपने से पहले तथ्यों की जानकारी और आधार होना बेहद जरूरी है….

 

आईएएस बंशीधर तिवारी पर आरोपों के पौधे को रोपने के लिए बाकायदा प्रेस वार्ता की गई..सूचना निदेशक के पद पर रहते बंशीधर तिवारी के कार्यों से अनभिज्ञ अभिनव ने अपने शब्दों में उस अधिकारी के सम्मान का मजाक उड़ा दिया.. जिसने प्राइमरी स्कूल के बच्चों के लिए शिक्षा की ज्योति और व्यवहार की मुस्कान एक साथ खड़ी की..

सेवा और समर्पण को लक्ष्य बनाकर चलने वाले वरिष्ठ आईएएस बंशीधर तिवारी पर आरोप लगाने वाले व्यक्ति को भ्रष्टाचार की कीचड़ ऐसे व्यक्ति पर नहीं उछालनी चाहिए.. जिसके कार्य पूरे राज्य में कमल की तरह खिलकर अच्छे कामों की सुंगध फैलाते हो…..
बाकी अभिनव….खेला किस का है…पता कीजियेगा…..

 

व्यवहार की महक और शासन में काम फिर उन कार्यो का धरातल पर असर… कुछ ऐसे ही शब्दों की सार्थकता की पहचान उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बंशीधर तिवारी रखते है .. राज्य में कई अहम जिम्मेदारियों को संभालते हुए परिवर्तनकारी कार्यो का आगाज उनके निर्देशन में हुआ…. लेकिन आज चंद लोगों की धारणा कहे या निराधार अवधारणा उन्हें एक तथ्यविहीन मामले में घिसटने की कोशिश कर रही हैं….

पूर्ववर्ती सूचना निदेशक के कार्यकाल में अनुमोदन पर जारी हुए विज्ञापन बजट को आधार बनाकर अभिनव नाम के व्यक्ति ने उनपर बेबुनियादी आरोप लगाकर फिर से एक कहावत चरितार्थ कर दी जिमसें कहा जाता है ‘मारते हुए का हाथ पकड़ लो लेकिन बोलते हुए कि जुबान नहीं’ आईएएस बंशीधर तिवारी पर आरोपों के पौधे को रोपने के लिए बाकायदा प्रेस वार्ता की गई..सूचना निदेशक के पद पर रहते बंशीधर तिवारी के कार्यों से अनभिज्ञ अभिनव ने अपने शब्दों में उस अधिकारी के सम्मान का मजाक उड़ा दिया.. जिसने प्राइमरी स्कूल के बच्चों के लिए शिक्षा की ज्योति और व्यवहार की मुस्कान एक साथ खड़ी की..विश्वास और मेहनत व उत्तराखंड प्रेम को समाहित किये उस अधिकारी पर आपने आरोप गठजोड़ तो डाल दिया लेकिन ये आधारहीन सस्ती लोकप्रियता किसी काम की नहीं हैं… किसी भी मेहनतकश अधिकारी के कार्यो को प्रोत्साहन की बजाय बुबुनियादी आरोपों का भार झेलना पड़े सभ्य समाज में ये बेहद घातक है….

सेवा और समर्पण को लक्ष्य बनाकर चलने वाले वरिष्ठ आईएएस बंशीधर तिवारी पर आरोप लगाने वाले व्यक्ति को भ्रष्टाचार की कीचड़ ऐसे व्यक्ति पर नहीं उछालनी चाहिए.. जिसके कार्य पूरे राज्य में कमल की तरह खिलकर अच्छे कामों की सुंगध फैलाते हो…..
बाकी अभिनव….खेला किस का है…पता कीजियेगा…..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *