
योग अब केवल साधना नहीं, बल्कि भारत की तरफ से विश्व को दिया गया ऐसा संदेश है, जो धर्म, जाति और सीमाओं से परे जाकर आत्मिक शांति का मार्ग दिखाता है। और इस शांति के दीप को आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गैरसैंण से प्रज्वलित किया है
योग अब केवल साधना नहीं, बल्कि भारत की तरफ से विश्व को दिया गया ऐसा संदेश है, जो धर्म, जाति और सीमाओं से परे जाकर आत्मिक शांति का मार्ग दिखाता है। और इस शांति के दीप को आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गैरसैंण से प्रज्वलित किया है
आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड ने पूरे विश्व को एक ऐतिहासिक संदेश दिया। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण की शांत वादियों से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 8 देशों के राजदूतों के साथ योग कर “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भारतीय अवधारणा को साकार किया। योग, जो भारत की आत्मा है—आज वह गैरसैंण से पूरे विश्व में गूंज रहा है।
उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण आज न सिर्फ योग का केंद्र बनी, बल्कि भारतीय संस्कृति के एक वैश्विक दूत के रूप में उभरी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जब विदेशी राजदूतों के साथ योग किया, तो यह दृश्य पूरी दुनिय...