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ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना” का प्रथम चरण — राज्य की यातायात सुविधा, पर्यटन और प्रशासनिक ढांचे को मिलेगी नई दिशा

ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना” का प्रथम चरण — राज्य की यातायात सुविधा, पर्यटन और प्रशासनिक ढांचे को मिलेगी नई दिशा

 

 

 

उत्तराखंड के हृदय स्थल ऋषिकेश में आज एक ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी पहल का शिलान्यास माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा नगर निगम मैदान, ऋषिकेश में किया गया। “ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना” के प्रथम चरण के अंतर्गत Rafting Basic Station और बहुमंजिला कार पार्किंग एवं कार्यालय परिसर की आधारशिला रखी गई। यह परियोजना न केवल ऋषिकेश के बढ़ते यातायात दबाव को कम करेगी, बल्कि स्थानीय नागरिकों और चारधाम यात्रियों को आधुनिक एवं सुसज्जित सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।

 

ऋषिकेश की बदलती तस्वीर: गांव से ग्लोबल तक

 

ऋषिकेश, जो विश्वभर में धार्मिक, योग, साहसिक और सांस्कृतिक पर्यटन के लिए विख्यात है, अब एक स्मार्ट पर्यटन नगरी बनने की ओर अग्रसर है। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल पर्यटन को बढ़ावा देना है, बल्कि जनसामान्य को आवश्यक प्रशासनिक सेवाओं की सहज उपलब्धता भी सुनिश्चित करना है।

 

परियोजना की मुख्य विशेषताएं:

 

स्थान: नगर निगम, ऋषिकेश की भूमि (लगभग 10441.27 वर्ग मीटर)

 

प्रस्तावित लागत: रु. 135.99 करोड़

 

पार्किंग क्षमता: लगभग 1038 वाहनों की बहुमंजिला पार्किंग सुविधा (5+7 मंजिलें)

 

कार्यालय भवन: नगर निगम ऋषिकेश, जल संस्थान, UPCL, व अन्य विभागों के लिए आधुनिक भवन

 

आधुनिक व्यवस्थाएं: अग्निशमन सुरक्षा, सीसीटीवी, पीए सिस्टम, एक्सेस कंट्रोल, डाटा नेटवर्क, लिफ्ट, वर्षा जल संचयन, सोलर लाइट्स, हरित क्षेत्र, सब स्टेशन आदि

 

एक ही परिसर में नागरिकों को बहु-विभागीय सेवाओं की सुविधा

 

आर्थिक लाभ: पर्यटन से जुड़े स्थानीय व्यवसायों को मिलेगा सीधा लाभ, बढ़ेगा रोजगार

 

 

*प्रमुख संरचनात्मक विवरण:–

 

भूतल (स्टिल्ट): 4494.03 वर्गमीटर

 

प्रथम व द्वितीय तल: 4127.00 वर्गमीटर प्रति तल

 

तृतीय से सप्तम तल: 4127.00 वर्गमीटर प्रति तल

 

स्टाफ क्वार्टर (G+2): 1166.70 वर्गमीटर

 

संपूर्ण स्थल पर प्रवेश द्वार, बैरियर, बाउंड्री वॉल, सेप्टिक टैंक, यूजीटी टैंक, सब स्टेशन, हरित क्षेत्र आदि प्रस्तावित

 

 

परियोजना के अपेक्षित प्रभाव:

 

चारधाम यात्रा के दौरान ऋषिकेश में यातायात का दबाव कम होगा

 

पर्यटकों को बेहतर पार्किंग सुविधा व मार्गदर्शन मिलेगा। नगर निगम और अन्य कार्यालयों तक आमजन की पहुँच सुगम होगी। ऋषिकेश का विकास एक संगठित और टिकाऊ नगरी के रूप में होगा।

 

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा “यह केवल एक निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि भविष्य की सोच है। उत्तराखंड की धार्मिक, पर्यटन और प्रशासनिक शक्ति को एक साथ जोड़कर हमने ऋषिकेश के समेकित विकास की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। यह योजना आने वाले वर्षों में पूरे क्षेत्र की दिशा और दशा बदल देगी।”

इस ऐतिहासिक मौके पर मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायकगण, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीगण एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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