हरीश रावत आपको: अपने ईद-गिर्द ऐसी ‘रेखा’ खींचनी होगी जिसको पार वही करे जो केवल नामधारी ‘रण’ जीतने वाला न हो बल्कि सही में उत्तराखण्ड के लिए ‘रण’ लड़ उसे ‘जीत’ सकने की ईमानदार चाह रखता हो
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सही फैसलों की कठिन घड़ी
आदरणीय हरीश रावत जी,
आपके घोर-विरोधी और कटु आलोचक भी इस बात को स्वीकारते हैं कि वर्तमान में उत्तराखण्ड की राजनीति में आपसे ज्यादा अनुभवी और जनाधार वाला नेता कोई नहीं है। आपकी अपनी पार्टी कांग्रेस में तो दूर-दूर तक कोई आपके कद का नेता नहीं ही है, सत्तारूढ़ भाजपा में भी आपकी टक्कर का कोई नेता नजर नहीं आता। आपके समान व्यापक जनाधार वाले अपने नेता भगत सिंह कोश्यारी को तो जबरन सक्रिय राजनीति से भाजपा ने ही रिटायर कर डाला बाकी बचे भाजपा नेता अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों तक सिमटे हुए बौनसाई नेता हैं जिनके पास न तो आप समान उत्तराखण्डियत को समझने और महसूसने की समझ है, न ही इच्छाशक्ति। भले ही 2017 में आपके नेतृत्व में लड़े गए चुनावी समर का नतीजा कांग्रेस के लिए बेहद निराशाजनक रहा, कोई भी सम दृष्टि रखने वाला राजनीतिक विशलेषक उसे कांग्रेस या आपकी हार नहीं कहता है। वह प्रधान...