15.2 C
Dehradun
Tuesday, December 3, 2024
Home उत्तराखंड राहुल गांधी संसद के एक माननीय सदस्य हैं; उन्हें पप्पू मत कहो,...

राहुल गांधी संसद के एक माननीय सदस्य हैं; उन्हें पप्पू मत कहो, अधीर रंजन को अमित शाह की नसीहत है.

89
0
Google search engine
Google search engine

भारतीय राजनीति में पप्पू शब्द का इस्तेमाल राहुल गांधी के बारे में सत्ता पक्ष के लोग करते रहे हैं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में लगता है राहुल बनाम बीजेपी हो रहा है।

इसके बाद कांग्रेस नेता ने कहा आप जितना चाहो राहुल गांधी को पप्पू बनाने की कोशिश कर लो…उन्होंने बीजेपी को पप्पू बना दिया है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के ऐसा कहने के बाद अमित शाह ने बीच में इसपर चुटकी लेते हुए कहा, ‘आदरणीय अध्यक्ष जी आप एक माननीय सांसद (राहुल गांधी) को पप्पू नहीं कह सकते।’ अमित शाह के बयान के बाद लोकसभा सदस्यों की हंसी छूट गई। इसका वीडियो भी सामने आया है।

अमिता शाह के बयान के बाद के बाद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘आप जानते हैं कि मैंने किस संदर्भ में ऐसा कहा।’ उन्होंने कहा कि ‘राहुल गांधी ने सही जगह पर निशाना साधा है और इसके कारण बीजेपी में हंगामा है। पहली बार, एक सत्ताधारी पार्टी एक उद्योगपति की वकालत कर रही है। और यह हम अपनी ओर से नहीं कह रहे हैं। यह हिंडनबर्ग रिपोर्ट में आया है और हम इस मुद्दे को उठा रहे हैं। इसमें गलत क्या है?’

कांग्रेस नेता ने चीन का भी उठाया मुद्दा

कांग्रेस नेता ने चीन का मुद्दा भी उठाया और कहा कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू अटल बिहारी वाजपेयी के अनुरोध पर चर्चा के लिए सहमत हुए थे, लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने चर्चा के लिए बहस को मना कर दिया है। भारत में चीनी ‘घुसपैठ’।

पहले हम पूर्वी लद्दाख में 65 प्वाइंट पर करते थे पेट्रोलिंग

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि ‘कुछ दिन पहले दिल्ली में डीजी और आईजी की बैठक हुई थी जिसमें पुलिस अधिकारियों ने एक रिसर्च पेपर पेश किया था। उसमें कहा गया था कि पहले हम पूर्वी लद्दाख में 65 प्वाइंट पर पेट्रोलिंग करते थे लेकिन अब 25 पर भी पेट्रोलिंग नहीं कर पा रहे हैं।’

अमित शाह ने अधीर चौधरी पर पलटवार करते हुए कहा, ‘अधीर रंजन जी पूछ रहे हैं कि अब ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है क्योंकि खामियां तब थीं और अब नहीं हैं। यह चर्चा (नेहरू-वाजपेयी) हजारों हेक्टेयर बर्बाद होने के बाद शुरू हुई।’

Google search engine