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पूर्व IFS अफसर की आय से 375 गुना संपत्ति:8 महीने की फरारी के बाद गिरफ्तार..उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने पूर्व IFS अधिकारी किशनचंद पर मुकदमा चलाने का आदेश विजिलेंस को दिया था ( धामी सरकार का संदेश भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं )

गाजियाबाद से गिरफ्तार हुए उत्तराखंड के पूर्व IFS अधिकारी किशन चंद को विजिलेंस टीम आज हल्द्वानी कोर्ट में पेश करेगी। यहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजा जा सकता है। किशनचंद पर आरोप है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की कालागढ़ रेंज में तैनाती के दौरान खूब हरे पेड़ कटवाए और फर्जी बिल बाउचर बनवाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया।

फ्लैट मालिक की जानकारी जुटा रही टीम
अप्रैल-2022 में तमाम शिकायतों पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने पूर्व IFS अधिकारी किशनचंद पर मुकदमा चलाने का आदेश विजिलेंस को दिया था। इसके बाद किशनचंद फरार हो गया था। विजिलेंस और पुलिस की कई टीमें उसे खोजने में जुटी थीं। आखिरकार शुक्रवार रात उसकी गिरफ्तारी गाजियाबाद से हो गई। वो वैशाली इलाके के एक फ्लैट में पनाह लिए था। विजिलेंस अब ये पता कर रही है कि ये फ्लैट किसका है।

चार्जशीट में 33 करोड़ की संपत्ति का जिक्र
पिछले दिनों विजिलेंस ने किशनचंद के खिलाफ हल्द्वानी कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। किशनचंद के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला भी पाया गया था। उनकी संपत्ति आय से 375 गुना ज्यादा पाई गई। इसमें 33 करोड़ रुपए की संपत्ति का ब्योरा भी विजिलेंस ने दिया। चार्जशीट में जिक्र है कि हरिद्वार DFO रहते हुए किशनचंद ने लैंसडाउन प्रभाग में कई लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने के बदले उनकी जमीनें अपने पक्ष में कराईं। देहरादून के बसंत विहार में ढाई करोड़ रुपए का मकान किशनचंद ने खरीदा था। भोगपुर में किशनचंद ने बेटे अभिषेक के नाम पर एक स्टोन क्रेशर भी लगवाया हुआ है। पिरान कलियर में पत्नी के नाम से ब्रज इंटरनेशनल स्कूल है।

नवंबर-2021 में जांच शुरू, जून-2022 में रिटायर्ड
नवंबर-2021 में उत्तराखंड सरकार के आदेश पर रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क में तैनात रहे तीन IFS अधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू हुई थी। इसमें एक नाम किशनचंद का भी था। 21 नवंबर 2021 को विजिलेंस ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी। 30 जून 2022 को किशनचंद रिटायर हो चुके हैं। राजाजी नेशनल पार्क के उपनिदेशक बनने के वक्त भी किशनचंद पर साठगांठ करके पद हथियाने के आरोप लगे थे और शासन तक शिकायत पहुंची थी।

अखाड़े की शरण में आकर बचना चाहते थे
पूर्व IFS किशनचंद अखाड़े की शरण में जाकर विजिलेंस और पुलिस से बचने की प्लानिंग कर रहा था। हालांकि इसके बाद भी किशनचंद की मुश्किलें कम नहीं हुईं। अखाड़े के पदाधिकारियों ने बैठक की। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया कि किशनचंद के खिलाफ एजेंसियां जांच कर रही हैं। जब तक वह पूरी नहीं हो जाती और वो संन्यास परंपराओं को धारण नहीं करते, तब तक किशनचंद को अखाड़े के महामंत्री पद और अखाड़े की सभी गतिविधियों से मुक्त कर दिया गया है।

कालागढ़ टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में टाइगर सफारी निर्माण में अनियमितता के मुख्य आरोपी किशनचंद के मेरठ स्थित घर पर भी हफ्तेभर पहले विजिलेंस टीम ने छापेमारी की। हालांकि वह विजिलेंस के हाथ नहीं लगे। एक टीम ने हरिद्वार में भी डेरा डाले रखा। एक टीम UP के गाजियाबाद आई थी। शुक्रवार की रात गाजियाबाद से किशनचंद की गिरफ्तारी हुई।

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