Sunday, June 29News That Matters

उत्तराखंड के टिहरी जिले के नरेंद्रनगर में जी-20 सम्मेलन के लिए उत्तराखंड तैयार है। दो दिवसीय सम्मेलन में अंतराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी तंत्र के एजेंडे पर मंथन किया जाएगा। इसके अलावा विदेशी मेहमान पहाड़ की संस्कृति और गंगा की दिव्यता को करीब से महसूस करेंगे

जी-20 सम्मेलन के लिए उत्तराखंड तैयार.. भ्रष्टाचार विरोधी तंत्र पर होगा मंथन .. मुख्यमंत्री धामी ने कहा भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए हमने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.


उत्तराखंड के टिहरी जिले के नरेंद्रनगर में जी-20 सम्मेलन के लिए उत्तराखंड तैयार है। दो दिवसीय सम्मेलन में अंतराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी तंत्र के एजेंडे पर मंथन किया जाएगा। इसके अलावा विदेशी मेहमान पहाड़ की संस्कृति और गंगा की दिव्यता को करीब से महसूस करेंगे

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए उत्तराखंड में हमने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून राज्य में लागू किया गया है। भ्रष्टाचार की शिकायतों को दर्ज करने के लिए 1064 वेब एप लांच किया गया है। अपणि सरकार पोर्टल, ई-कैबिनेट, ई-ऑफिस, सीएम डैश बोर्ड उत्कर्ष, सीएम हेल्पलाइन 1905, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था बनाकर राज्य में भ्रष्टाचार के समूल नाश का प्रयास किया है।
नरेंद्रनगर में होने वाली जी-20 की एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की बैठक उत्तराखंड के लिए दूसरी बड़ी उपलब्धि है। इससे पहले रामनगर में जी-20 की बैठक सफलतापूर्वक आयोजित की गई। राज्य में जी-20 की सभी बैठकों के हमारे अनुभव अविस्मरणीय रहेंगे। इसके साथ ही जी-20 देशों से आने वाले विदेशी प्रतिनिधि भी अपने साथ राज्य की नैसर्गिक सौंदर्य, समृद्ध संस्कृति, अनूठे ग्रामीण जीवन के बेहतरीन अनुभव लेकर यहां से जाएंगे। जी-20 के सम्मेलन राज्य के लिए नए अवसर, नए अनुभव, अपनी पारंपरिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक विरासत, पर्यटन की क्षमताओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का स्वर्णिम अवसर है।

ओणी गांव में मेहमान नजदीक से देखेंगे पहाड़ का रहन-सहन और संस्कृति
सम्मेलन के दौरान नरेंद्रनगर के ओणी गांव में विदेशी मेहमान पहाड़ के ग्रामीण परिवेश और मॉडल गांव का दीदार करेंगे। ऋषिकेश से करीब 14 किमी. की दूरी पर स्थित ओणी गांव में करीब दस करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य किए गए हैं। गांव को उत्तराखंड की पारंपरिक शैली के मॉडल गांव के रूप में विकसित किया गया है। गांव में सौंदर्यीकरण के साथ ही घरों को पारंपरिक ऐपण कला के साथ अन्य सांस्कृतिक-परंपरा और पारंपरिक वेशभूषा से जुड़ी चित्रकारी से जीवंत किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *