
रुद्रप्रयाग हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त के जांच के आदेश, लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई,
आर्यन हेली एविएशन के दो मैनेजरों पर केस दर्ज
रविवार सुबह हेलिकॉप्टर गौरीकुंड से पांच किमी ऊपर जंगल क्षेत्र में पहुंचा, लेकिन यहां गौरी माई खर्क में कोहरा होने से दृश्यता कम होने के कारण पेड़ से टकराकर क्रैश हो गया
गौरीकुंड के गौरीमाई खर्क में क्रैश हुए हेलिकॉप्टर के लिए आर्यन कंपनी के दो मैनेजरों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। फाटा के राजस्व उप निरीक्षक ने कंपनी के खिलाफ सोनप्रयाग पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसमें कहा गया कि लापरवाही से यह हादसा हुआ है
रविवार को सुबह हेलिकॉप्टर हादसे का कारण भले ही खराब मौसम बताया जा रहा हो, पर इसे हेली कंपनी द्वारा यूकाडा और डीजीसीए के नियमों की अनदेखी भी माना जा रहा है। इस संबंध में दी गई तहरीर में कहा गया कि सुबह 5.24 बजे आर्यन हेली कंपनी को सुबह 6 से 7 बजे वाला स्लॉट आवंटित हुआ था, पर कंपनी ने हेलिकॉप्टर को सुबह 5.11 बजे ही उड़ाना शुरू कर दिया था, जिससे केदारनाथ से वापसी में सुबह 5.24 बजे हेलिकॉप्टर हादसा हो गया
तहरीर में कहा गया कि डीजीसीए और यूकाडा ने जारी एसओपी में फ्लाइंग स्लॉट के हिसाब से उड़ान करने को कहा था। इस बारे में आर्यन एविएशन के बेस मैनेजर विकास तोमर और एकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक ने अनदेखी की, जो दायित्यों के प्रति घोर लापरवाही है। फाटा राजस्व उप निरीक्षक ने हादसे में सात लोगों की मौत के लिए कंपनी के दोनों मैनेजरों को सीधे तौर पर जिम्मेदार माना है। उनके खिलाफ कोतवाली सोनप्रयाग में भारतीय दंड संहिता की 28/2025 धारा 105, भारतीय न्याय संहिता 2023 और धारा 10 वायुयान अधिनियम 1934 बनाम विकास तोमर और कौशिक पाठक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। कोतवाल राकेंद्र सिंह कठैत ने बताया कि मुकदमा दर्ज होते ही अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जा रही है
रविवार को सुबह 5.21 बजे केदारनाथ हेलिपैड से आर्यन हेली कंपनी का हेलिकॉप्टर महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश सहित अन्य जगहों के छह यात्रियों को लेकर गुप्तकाशी के लिए टेकऑफ हुआ। लगभग 5.25 मिनट पर यह हेलिकॉप्टर गौरीकुंड से पांच किमी ऊपर जंगल क्षेत्र में पहुंचा, लेकिन यहां गौरी माई खर्क में कोहरा होने से दृश्यता कम होने के कारण पेड़ से टकराकर क्रैश हो गया।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि इस हादसे में पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान सहित सभी छह यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस, यात्रा मैनेजमेंट फोर्स के जवान मौके पर पहुंचे और सभी शव बरामद कर लिए। शवों को गौरीकुंड पहुंचाया गया और वहां से जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग भेज दिए गए। हादसे के बाद हेलिकॉप्टर का मलबा भी जल गया।
वहीं, केदारनाथ यात्रा हेलिकॉप्टर सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि विजिबिलिटी शून्य होने के कारण हेलिकॉप्टर अचानक पेड़ से टकरा गया जिससे यह हादसा हुआ। डीजीसीए ने अगले दो दिनों के लिए केदारनाथ के लिए हेलिकॉप्टर सेवा पर रोक लगा दी है।