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1850 में जब नगर पालिका मसूरी की स्थापना की गई तब से मसूरी की ख्याति विश्व में रही है।

 

 

गुरुवार को मसूरी में नगर पालिका परिषद द्वारा कंपनी गार्डन के नए नाम “अटल उद्यान पार्क ” के उद्घाटन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कार्यक्रम की अध्यक्षता कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी द्वारा की गई।
इस अवसर पर कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कंपनी गार्डन के नए नाम “अटल उद्यान पार्क ” का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने स्व.पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को नमन करते हुए कहा कि अटल बिहार वाजपेयी का राज्य निर्माण में भी अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा वाजपेयी का मसूरी से विशेष लगाव था। उन्होंने कहा कि आज इस पार्क का नाम उस उस शख्सियत के नाम पर हुआ है। उन्होंने कहा कि आज का दिन इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आज की तारीख 21 नवम्बर, 2024 मसूरी के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। 1850 में जब नगर पालिका मसूरी की स्थापना की गई तब से मसूरी की ख्याति विश्व में रही है। इसी के क्रम में कंपनी गार्डन देश विदेश के पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। उन्होंने कहा कि यह उद्यान जो पूर्व में म्युनिसिपल गार्डन के नाम से भी जाना जाता था, जो कंपनी शब्द के कारण आंग्ल भाषा का बोध कराता था वह अब अजातशत्रु नाम से विश्वविख्यात हमारे लोकप्रिय नेता भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से जाना जाएगा। जो हम सभी के लिए गर्व की बात है और इस तिथि की साक्षी है।
उन्होंने कहा कि शीघ्र ही एक सप्ताह के भीतर इस अटल उद्यान में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्ति स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि मसूरी को पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। मसूरी गंगोत्री का प्रवेश द्वार भी है और दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए यह लोकप्रिय ग्रीष्मकालीन पर्यटन स्थल है। पार्क के नामकरण पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं भी दीं।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने मसूरी वासियों को पार्क ने नए नामकरण की बधाई देते हुए उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उत्तराखण्ड को अलग राज्य बनाने में उनके योगदान का स्मरण भी किया। मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई की देन है, कि आज हम अलग उत्तराखंड राज्य में रह रहे हैं और अंग्रेजों के जमाने में रखा गया कंपनी गार्डन नाम आज से अटल उद्यान के नाम से जाना जाएगा।
इस अवसर पर मोहन पेटवाल, सतीश ढौंडियाल, रूप सिंह कठेत, रजत अग्रवाल सहित कई लोग उपस्थित रहे।

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