
उत्तराखंड के पहाड़ों में स्वास्थ्य की संजीवनी बनता श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल

उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आज भी एक जटिल चुनौती बनी हुई है। दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियां, सीमित संसाधन और दूर-दराज़ बसे गांव — इन सबके बीच समय पर इलाज न मिल पाना कई बार जीवन और मृत्यु का प्रश्न बन जाता है। ऐसे कठिन परिदृश्य में देहरादून *स्थित श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने जिस तरह स्वास्थ्य सेवाओं को न केवल सुलभ बनाया है, बल्कि उन्हें भरोसेमंद और मानवीय स्वरूप दिया है, वह प्रशंसा के योग्य ही नहीं, बल्कि अनुकरणीय भी है*
वर्ष 2003 में स्थापित यह अस्पताल श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज का अभिन्न अंग है।
*इसकी परिकल्पना श्री गुरु राम राय दरबार साहिब के 10वें महंत, श्री महंत देवेंद्र दास जी महाराज की दूरदर्शी सोच का परिणाम है*
*उन्होंने समय रहते यह समझा कि उत्तराखंड को एक ऐसे चिकित्सा संस्थान की आवश्यकता है, जो आधुनिक तकनीक के साथ-साथ सेवा और करुणा को भी केंद्र में रखे*
आज श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल 1500 बेड की क्षमता वाला एक विशाल मल्टी-स्पेशलिटी और सुपर-स्पेशलिटी केंद्र बन चुका है, जहां प्रतिदिन लगभग 3000 मरीजों को उपचार मिलता है। *NABH और NABL जैसे प्रतिष्ठित प्रमाणन यह सिद्ध करते हैं कि अस्पताल गुणवत्ता, रोगी सुरक्षा और नैतिक चिकित्सा मानकों पर पूरी तरह खरा उतरता है*
*अस्पताल का कार्डियोलॉजी विभाग अत्याधुनिक कैथ लैब, आईसीयू और कार्डियक सर्जरी सुविधाओं के साथ राज्य के अग्रणी केंद्रों में शामिल है*
इसके अलावा ऑर्थोपेडिक्स, जनरल सर्जरी, गायनाकोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, इंटरनल मेडिसिन, ईएनटी, डेंटिस्ट्री, ऑप्थल्मोलॉजी, फिजियोथेरेपी और साइकियाट्री जैसे सभी प्रमुख विभाग यहां एक ही छत के नीचे उपलब्ध हैं।
विशेष उल्लेख योग्य है अस्पताल द्वारा स्थापित *आई बैंक, जो उत्तराखंड का पहला प्रशिक्षण केंद्र भी है*
*कॉर्निया प्रत्यारोपण के माध्यम से सैकड़ों दृष्टिहीन लोगों को नई रोशनी मिली है*, वहीं नेत्रदान को लेकर जागरूकता फैलाकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य भी किया जा रहा है।
,टीबी उन्मूलन की दिशा में भी
*श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की भूमिका अत्यंत सराहनीय है*
। वर्ष 2022 में शुरू किया गया ड्रग रेसिस्टेंट टीबी (DRTB) सेंटर, गंभीर टीबी मरीजों को निःशुल्क और विशेषज्ञ उपचार प्रदान कर राज्य को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य को मजबूती देता है।
*सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह अस्पताल केवल शहरी सीमाओं तक सीमित नहीं है। उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में नियमित रूप से लगाए जाने वाले स्वास्थ्य शिविर उन इलाकों तक चिकित्सा सेवाएं पहुंचाते हैं, जहां अस्पतालों और डॉक्टरों का अभाव है। ऐसे क्षेत्रों में, जहां इलाज न मिलने के कारण लोग दम तोड़ देते हैं, वहां श्री महंत इन्दिरेशअस्पताल वास्तव में संजीवनी बनकर सामने आया है*
*आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत गोल्डन कार्ड धारकों को संपूर्ण इलाज सुविधा देना, पूर्व सैनिकों के लिए विशेष समझौते, रक्तदान शिविर और जन-जागरूकता अभियानों के माध्यम से यह अस्पताल सामाजिक उत्तरदायित्व का भी निर्वहन कर रहा है*
कुल मिलाकर *श्री महंत इन्दिरेशअस्पताल केवल एक चिकित्सा संस्थान नहीं, बल्कि उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था का मजबूत स्तंभ बन चुका है।*
*सेवा, समर्पण और संवेदनशीलता के साथ दिया जा रहा इसका योगदान राज्य के लिए गर्व का विषय है*
यदि ऐसे प्रयासों को निरंतर प्रोत्साहन और सहयोग मिलता रहा, तो वह दिन दूर नहीं *जब उत्तराखंड के पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाएं भी उतनी ही मजबूत होंगी, जितना यहां का जनविश्वास*
